📌प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया को फोटोनिक ऊर्जा (प्रकाश या विकिरण ऊर्जा) का रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तन कहा जाता है।
📌प्रकाश-संश्लेषण एक उपचयन-अपचयन (oxidation-reduction) क्रिया है। जल के उपचयन (Oxidatiog) | ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड के अपचयन (reduction) से शर्करा मिलती है। यह ऊष्माक्षेपाम (exergonic reaction) है।
📌प्रकाश-संश्लेषण वायुमण्डल में ऑक्सीजन (02) एवं कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) hormiostatic state के नियन्त्रण में सहायता प्रदान करता है।
📌 प्रकाश संश्लेषण द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 7x 103 kg कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) स्थिर की जाती है।
📌 सजीवों को अपने जीवन की समस्त/विभिन्न क्रियाओं को सुचारू रूप से/नियमित रूप से चलाने एवं जीवित रहने के निमित्त ऊर्जा (energy) की निरन्तर आपूर्ति की आवश्यकता होती है
📌सूर्य से उपलब्ध थोड़ी-सी सौर ऊर्जा (solar energy) भूमण्डल पर उपस्थित समस्त सजीवों को जीवन प्रदान (जैसा दायनी) करती है।" इस मत के प्रस्तुत कर्ता नोबेल लायर्ट एलबर्ट सैन्टगायोर्गी थे।
प्रकृति के हरे पौधे द्वारा बहुत थोड़ी-सी सौर ऊर्जा (40x1012 वाट ऊर्जा) प्रकाश-सश्लेषण में प्रयुक्त होती है प्रकाश-संश्लेषण में सूर्य की विकिरण ऊर्जा (radiant energy) को स्थितिज ऊर्जा (potential energy) में परिवर्त कर, अपने अंदर संचित कर लेते हैं। जिससे भोजन (भोज्य पदार्थों), जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा वा ऑक्सीकरण (Oxidation) करके गतिज ऊर्जा (kinetic energy) उत्पन्न करते हैं। हरे पौधों में प्रकाश-संश्लेषण (photosynthesis) ऐसी क्रिया है, जिसमें पौधे के हरे भाग/ क्लोरोफिल कोशिकाओं में सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा/सौर ऊर्जा (solar energy) ग्रहण कर, वायु से ली गई कार्बन डाइऑक्साइड एवं मृदा से जल एवं खनिज लवणों को अवशोषित कर कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण / अपघटन करते हैं। फलस्वरूर ऑक्सीजन की अप्रधान रचना / उपोत्पाद (biproduct) के रूप में प्रकृति में स्वतंत्र / अवमुक्त करते हैं और वायुमण्ड की वायु को शुद्धता प्रदान करते हैं। इस क्रिया को कार्बन स्वागीकरण (carbon assimilation) भी कहते हैं। जल (H2O) एवं कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) प्रकाश-संश्लेषण क्रिया में उपयोगी कार्बनिक यौगिक या कच्चे माल (raw material) के रूप में आवश्यक होते हैं। जल हरे पौधों के मूलरोमों (root hair) द्वारा शोषित किया जाता है और जाइलम वाहिनियों द्वारा पत्तियों तक पहुँचता है। जबकि कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल से प्राप्त होती है ।
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया अत्यन्त जटिल प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया में अनेक प्रकार की घटनाओं का समावेश होता है। प्रारम्भिक काल से ही वनस्पतिविज्ञों का ऐसा अनुमान था कि सूर्य के प्रकाश को उपस्थिति में क्लोरोफिल जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड के एक-एक अणु से पहले फार्मल्डिहाइड निर्मित होता है, और इसके बहुलीकरण (polymarization) से शर्करा (ग्लूकोज) निर्मित होती है।
शर्करा (ग्लूकोज) फॉर्मल्डिहाइड पौधों के निमित्त हानिकारक होने की जानकारी के पश्चात इस अवधारणा को निरस्त/अमान्य | किया गया। तत्पश्चात सीबी वॉन नील (Von Niel 1930) के मतानुसार ऑक्सीजन (O2) जल (H2O) के स्थान पर बैक्टोरिया सल्फर (HS) के अपघटन से प्राप्त होती है न कि कार्बन डाइऑक्साइड से इसे निम्नवत् समीकरण से प्रस्तुत किया गया
निकोलस डी सॉस्यूर (Nicholas de Saussure) के अनुसंधान के आधार पर "पौधों द्वारा निष्कासित
ऑक्सीजन की मात्रा, पौधों द्वारा अवशोषित कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा के बराबर होती है।" यह धारणा भी
यो कि प्रकाश संश्लेषण में निष्कासित यह ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड से प्राप्त है। यह भी अनुमान था कि ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड के वियोजन (dissociation) से प्राप्त होती है। वनस्पतिविज्ञ रूबेन (Ruben) इस मत से संतुष्ट नहीं थे और इस धारणा को गलत सिद्ध किया। इसके पश्चात कोर्नेलियस बी. वॉन नील (Comelius B Van Niel) ने माना कि हरे पौधों में HS के स्थान पर जल प्रयुक्त तथा सल्फर के स्थान पर ऑक्सीजन निष्कासित होती है। जल प्रकाश-संश्लेषण में इलेक्ट्रॉन दाता
(donor) होता है।
रूबेन एवं कामेन ने उपरोक्त कथन का सत्यापन एक हरित शैवाल क्लोरेला में किया। इन्होने अपने प्रयोग में | जल में ऑक्सीजन के समस्थानिक ( isotope) अर्थात् जल के स्थान पर H. o का उपयोग किया और पाया कि निष्कासित ऑक्सीजन में 150 जल से प्राप्त होती है न कि कार्बन डाइऑक्साइड से। Light
6CO2 + 12 H20 → C6H12O6 + 6 H2O +6 O2
नोट प्रकाश-संश्लेषण के अन्तर्गत ऑक्सीजन कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त होती है।
प्रकाश-संश्लेषण अपचयन (photosynthesis reduction) के अन्तर्गत केवल कार्बोहाइड्रेट्स ही उत्पाद (products) नहीं होते अपितु कैल्विन (Calvin) के मतानुसार अमीनो अम्ल (amino acids) तथा बसायें (fats) सीधे चक्र के माध्यमिक उत्पादों (intermediate products) से ही निर्मित हो जाते हैं। अत: क्लोरोप्लास्ट (chloroplast) | सम्पूर्ण कार्बन अपचयन चक्र (carbon reduction cycle) का प्रमुख स्थान हैं, जहाँ पर सब कुछ पैदा होता है। | जिनकी आवश्यकता पौधे की वृद्धि (growth) और अन्य कार्यों के लिए होती है, जैसे- कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, | बसाये, न्यूक्लिक अम्ल (nucleic acids), विटामिन्स (vitamins), हार्मोन्स आदि