UP Board Class 12 Biology( जीव विज्ञान) Syllabus 2024

UP Board Class 12 Biology( जीव विज्ञान) Syllabus 2024








    विषय– Biology( जीव विज्ञान) केवल प्रश्नपत्र 2024

इसमें 100 अंकों का एक प्रश्नपत्र 70 लिखित एवं 30 प्रयोगात्मक का होगा।

समय-3 घंटा अंक- 70

इकाई शीर्षक अंक भार

1.जनन 14

आनुवंशिकी और विकास 18
जीव विज्ञान और मानव कल्याण 14
जैव प्रौद्योगिकी एवं उसके अनुप्रयोग 10
पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण 14
योग 70

इकाई – 1 जनन 14 अंक


(1) जीवों में जनन
जनन जीवों का एक प्रमुख लक्षण जो जातियों की निरन्तरता बनाए रखने में सहायक, जनन की विधियाँ अलैंगिक और लैंगिक जनन, अलैंगिक जनन द्विविभाजन, बीजाणुजनन, कलिका – निर्माण, पौधो में कायिक प्रवर्धन, जीम्यूल निर्माण, खंडीभवन, पुनरुद्भवन ।

(2) पुष्पी पौधों में लैंगिक जनन

पुष्प की संरचना, नर एवं मादा युग्मकोद्भिद का विकास, परागण- प्रकार अभिकर्मक एवं उदाहरण, बहिः प्रजनन युक्तियाँ, पराग स्त्रीकेसर संकर्षण, दोहरा निषेचन, निषेचन पश्व घटनाएं- भ्रूणपोष एवं भ्रूण का परिवर्धन, बीज का विकास एवं फल का निर्माण, विशेष विधियाँ- एपोमिक्सिस (असंगजनता) अनिषेकफलन, बहुभ्रूणता बीज एवं फल निर्माण का महत्व |

(3) मानव जनन –नर एवं मादा जनन तंत्र वृषण एवं अंडाशय की सूक्ष्मदर्शीय शरीर रचना, युग्मकजनन- शुक्राणुजनन एवं अंडजनन मासिक चक्र, निषेचन, अंतर्रोपण, भ्रूणीय परिवर्धन (ब्लास्टोसाइट निर्माण तक) सगर्भता एवं प्लेसेंटा निर्माण (सामान्य ज्ञान) प्रसव एवं दुग्ध स्रवण (सामान्य परिचय)

(4) जनन स्वास्थ्य-

जनन स्वास्थ्य की आवश्यकता एवं यौन संचरित रोगों की रोकथाम, परिवार नियोजन आवश्यकता एवं विधियाँ, गर्भ निरोध एवं चिकित्सीय सगर्भता समापन (MTP) एमीनोसेंटेसिस, बंध्यता एवं सहायक जनन प्रौद्योगिकियाँ- IVF, ZIFT, GIFT (सामान्य जागरूकता के लिये प्रारम्भिक ज्ञान)

इकाई 2 आनुवंशिकी – 18 अंक

(1) वंशागति और विविधता, मेंडलीय वंशागति, मेंडलीय अनुपात से विचलन –


जनन स्वास्थ्य की आवश्यकता एवं यौन संचरित रोगों की रोकथाम, परिवार नियोजन आवश्यकता एवं विधियाँ, गर्भ निरोध एवं चिकित्सीय सगर्भता समापन (MTP) एमीनोसेंटेसिस, बंध्यता एवं सहायक जनन प्रौद्योगिकियाँ- IVF, ZIFT, GIFT (सामान्य जागरूकता के लिये प्रारम्भिक ज्ञान)

इकाई 2 आनुवंशिकी – 18 अंक
(1) वंशागति और विविधता, मेंडलीय वंशागति, मेंडलीय अनुपात से विचलन –

अपूर्ण प्रभाविता, सहप्रभाविता, गुणनात्मक विकल्पी एवं रूधिर वर्गों की वंशागति, प्लीओट्रोफी, बहुजीनी वंशागति का प्रारम्भिक ज्ञान, वंशागति का क्रोमोसोम सिद्धान्त, क्रोमोसोम्स और जीन, लिंग निर्धारण मनुष्य, पक्षी, मधुमक्खी सहलग्नता और जीन विनिमय, लिंग सहलग्न वंशागति – – हीमोफीलिया, वर्णान्धता, मनुष्य में मेंडलीय विकार थैलेसेमिया, मनुष्य में गुणसूत्रीय विकार – -डाउन सिन्ड्रोम, टर्नर एवं क्लीनफैल्टर सिन्ड्रोम (2) वंशागति का आणविक आधार –

आनुवंशिक पदार्थ की खोज एवं डी०एन०ए० एक आनुवंशिक पदार्थ, डी०एन०ए० व आर०एन०ए० की संरचना, डी०एन०ए० पैकेजिंग, डी०एन०ए० प्रतिकृतियन सेन्ट्रल डोगोमा, अनुलेखन, आनुवंशिक कूट रूपान्तरण, जीन अभिव्यक्ति का नियमन, लैक ओपेरान, जीनोम एवं मानव जीनोम प्रोजेक्ट डी०एन०ए० फिंगर प्रिंटिंग

विकास –

जीवन की उत्पत्ति, जैव विकास एवं जैव विकास के प्रमाण – पुराजीवी, तुलनात्मक शरीर रचना, – मणिकी एवं आणविक प्रमाण डार्विन का योगदान Modern Synthetic Theory विकास की क्रियाविधि – विभिन्नताएं (उत्परिवर्तन एवं पुनर्योजन ) एवं प्राकृतिक चयन प्राकृतिक चयन के प्रकार, जीन प्रवाह एवं आनुवंशिक अपवाह हार्डी वेनबर्ग सिद्धान्त, अनुकूली विकिरण, मानव का विकास |

इकाई 3 जीव विज्ञान और मानव कल्याण –14 अंक
(1) मानव स्वास्थ्य और रोग –

रोग जनक मानव में रोग उत्पन्न करने वाले परजीवी (मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिएसिस, एस्केरिएसिस, टायफाइड, जुकाम, न्यूमोनिया, अमीबाइसिस रिंग वार्म) एवं उनकी रोकथाम। प्रतिरक्षा विज्ञान की मूलभूत संकल्पनाएं टीके, कैंसर, एच०आई०वी० और एड्स, यौवनावस्था- नशीले पदार्थ (ड्रग) और एल्कोहाल का कुप्रयोग ।

(2) खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्य नीति –

खाद्य उत्पादन में सुधार, पादप प्रजनन, ऊतक संवर्धन, एकल कोशिका प्रोटीन, Biofortification, मौन (मधुमक्खी पालन, पशु पालन ।

(3) मानव कल्याण में सूक्ष्म जीव-

घरेलू खाद्य उत्पादों में औद्योगिक उत्पादन, वाहित मल उपचार, ऊर्जा उत्पादन, जैव नियंत्रक कारक के रूप में एवं जैव उर्वरक,
इकाई 4 जैव प्रौद्योगिकी और उसके अनुप्रयोग

10 अंक

(1) जैव प्रौद्योगिकी सिद्धान्त एवं प्रक्रम –

आनुवंशिक इंजीनियरिंग (पुनर्योगज DNA तकनीक)

(2) जैव प्रौद्योगिकी एवं उसके उपयोग

जैव प्रौद्योगिकी का स्वास्थ्य एवं कृषि में उपयोग, मानव इंसुलिन और वैक्सीन उत्पादन, जीन चिकित्सा, आनुवंशिकीय रुपान्तरित जीव बी0टी0 (BT) फसलें, ट्रांसजीनिक जीव, जैव सुरक्षा समस्याएं, बायोपायरेसी एवं पेटेंट।

इकाई – 5 पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण 14 अंक

जीव और पर्यावरण, वास स्थान एवं कर्मता, समष्टि एवं पारिस्थितिकीय अनुकूलन, समष्टि पारस्परिक क्रियाएं-सहोपकारिता, स्पर्धा, परभक्षण, परजीविता समष्टि गुण वृद्धि जन्म एवं मृत्युदर, आयु वितरण ।

(3) जैव विविधता एवं संरक्षण –

जैव विविधता की संकल्पना, जैव विविधता के प्रतिरूप, जैव विविधता का महत्व, क्षति एवं जैव विविधता का संरक्षण- हाट स्पाट, संकटग्रस्त जीव, विलुप्ति, रैड डाटा बुक, बायोस्फीयर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, सेन्चुरीज ।

(2) पारितंत्र –

संरचना (स्वरूप) घटक, उत्पादकता एवं अपघटन, ऊर्जा प्रवाह, पारिस्थितिक पिरामिड-जीव संख्या, भार एवं ऊर्जा के पिरामिड, पोषक चक्र (कार्बन एवं फास्फोरस) पारिस्थितिक अनुक्रमण, पारितंत्र सेवाएं कार्बन स्थिरीकरण, परागण आक्सीजन अवमुक्ति ।

(4) पर्यावरण के मुद्दे

वायु प्रदूषण एवं इसका नियंत्रण, जल प्रदूषण एवं नियंत्रण, कृषि रसायन एवं उनके प्रभाव, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन, रेडियोएक्टिव अपशिष्ट प्रबन्धन, ग्रीन हाउस प्रभाव एवं विश्वव्यापी उष्णता, ओजोन अवक्षय, वनोन्मूलन, पर्यावरणीय समस्याओं से सम्बन्धित कोई तीन केस स्टडी ।


 प्रयोगात्मक                                    समय-3 घंटा अंक-30

(क) प्रयोगों की सूची

स्लाइड पर पराग अंकुरण का अध्ययन
कम से कम दो स्थानों से मृदा एकत्र कर उसमें मृदा की बनावट, नमी, निहित वस्तुएं (Content ) जलधारण क्षमता एवं उसमें पाये जाने वाले पौधों से सहसम्बन्ध का अध्ययन करना ।
अपने आस-पास के दो अलग-अलग जलाशयों से पानी एकत्र कर पानी के PH] शुद्धता एवं जीवित जीवों का अध्ययन करना।
समसूत्री विभाजन का अध्ययन करने के लिए प्याज के मूलाग्र की अस्थायी स्लाइड बनाना ।
स्टार्च पर लार एमाइलेज की सक्रियता पर विभिन्न तापमानों और तीन अलग-अलग pH के प्रभाव का अध्ययन करना ।
उपलब्ध पादप सामग्री जैसे पालक, हरी मटर, पपीता आदि से DNI को पृथक करना ।


(ख) निम्नलिखित का अध्ययन / प्रेक्षण (स्पाटिंग)

  

  1. विभिन्न कारकों (वायु कीट, पक्षी) के द्वारा परागण के लिए पुष्पों में पाये जाने वाले अनुकूलनों का अध्ययन करना।
  2. स्थायी स्लाइडों की सहायता से वृषण और अंडाशय की अनुप्रस्थ काट में युग्मक परिवर्धन की विभिन्न अवस्थाओं का अध्ययन (किसी भी स्तनधारी) ।
  3. स्थायी स्लाइड की सहायता से प्याज की मुकुल कोशिका अथवा टिड्डे के वृषण में अर्द्धसूत्री विभाजन का अध्ययन करना ।
  4. स्थायी स्लाइड की सहायता से स्तनधारी के ब्लास्टुला की अनुप्रस्थ काट का अध्ययन करना ।
  5. तैयार वंशावली चार्ट की सहायता से आनुवंशिक विशेषताओं (जैसे- जीभ को गोल करना, रूधिर वर्ग, विंडोपीक, वर्णान्धता आदि) का अध्ययन करना।
  6. स्थायी स्लाइड अथवा प्रतिरूप की सहायता से सामान्य रोग कारक जंतु जैसे- एस्केरिस, – एंटअमीबा, प्लाजमोडियम, रिंग वर्म की पहचान उनके द्वारा उत्पन्न रोगों के लक्षणों पर टिप्पणी लिखना ।
  7. मरूद्भिदी परिस्थितियों में पाये जाने वाले दो पौधों एवं जन्तुओं के आकारिकी अनुकूलनों पर टिप्पणी लिखना ।
  8. जलीय परिस्थितियों में पाये जाने वाले दो पौधों एवं जंतुओं का अध्ययन एवं उनके आकारिकी अनुकूलनों पर टिप्पणी लिखना ।

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प्रयोगात्मक कक्षा-12

समय-3 घंटा                                  अंक-30

बाह्य परीक्षक

  1. स्लाइड निर्माण – 5 अंक
  2. स्पाटिंग – 6 अंक
  3. सत्रीय कार्य संकलन एवं मौखिकी – 2+2=4 अंक

योग –               15 अंक

आंतरिक परीक्षक

  1. एक दीर्घ प्रयोग (प्रयो0 सं0 1 4, 5, 6) – 5 अंक
  2. एक लघु प्रयोग (प्रयो0 2 3 4 ) – 4 अंक
  3. प्रोजेक्ट कार्य + मौखिकी – 4+2=6 अंक

नोट:- छात्रों का मूल्यांकन आन्तरिक एवं वाहय परीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा। अभ्यास पुस्तिका एवं प्रोजेक्ट कार्य परीक्षार्थियों द्वारा परिषदीय प्रयोगात्मक परीक्षा के समय प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की प्रयोगात्मक परीक्षा व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की प्रयोगात्मक परीक्षा हेतु उन विद्यालयों के संबंधित विषयों के अध्यापक/ प्रधानाचार्य द्वारा आंतरिक परीक्षक के रूप में व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को पचास प्रतिशत अंक प्रदान किये जायेंगे, शेष पचास प्रतिशत अंक वाह्य परीक्षक द्वारा देय होंगे

(प्रयोगों की सूची

दो व्यापक रूप से भिन्न स्थलों की वायु में निलम्बित कणिक पदार्थों की उपस्थिति का अध्ययन करना ।


2- क्वाड्रेट विधि द्वारा पादप समष्टि घनत्व का अध्ययन करना ।



3- क्वाड्रेट विधि द्वारा पादप समष्टि frequency का अध्ययन करना ।


(ख) निम्नलिखित का अध्ययन / प्रेक्षण (स्पॉटिंग) |


1- एक स्थायी स्लाइड की सहायता से वर्तिकाग्र पर पराग अंकुरण का अध्ययन करना ।


2- किसी पौधे के विभिन्न रंग एवं आकार के बीजों की सहायता से मंडलीय वंशागति का अध्ययन करना ।


3- नियंत्रित परागत, बंध्यीकरण, टैंगिग और बैगिंग का अभ्यास ।


 


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